Tuesday, 30 June 2020

Computer- Some Full Form

Some full forms

DAT Full Form- DIGITAL AUDIO TAPE.

DOS Full Forms – DISK OPERATING SYSTEM.

CRT Full Forms – CATHODE RAY TUBE.

DAT Full GRAPHICAL USER INTERFACE.

HTTP Full Forms – HYPER TEXT TRANSFER PROTOCOL.

HTTPS Full Forms – HYPER TEXT TRANSFER PROTOCOL SECURE.

IP Full Forms – INTERNET PROTOCOL.    

ISP Full Forms – INTERNET SERVICE PROVIDER.

TCP Full Forms – TRANSMISSION CONTROL PROTOCOL.

UPS Full Forms – UNINTERRUPTIBLE POWER SUPPLY.

 

ALU Full Forms– ARITHMETIC LOGIC UNIT

URL Full Forms – UNIFORM RESOURCE LOCATOR.

 

ASPI Full Forms – ADVACNE SCSI PROGRAMMING INTERFACE

ASIC Full Forms – APPLICATION SPECIFIC INTEGRATED CIRCUIT

EPROM Full Forms – ERASABLE PROGRAMMABLE READ ONLY MEMORY.

FPS Full Forms – FRAME PER SECOND

 

VIRUS Full Forms – VITAL INFORMATION RESOURCE UNDER SEIZED.

 

SMTP Full Forms–SIMPLE MAIL TRANSFER PROTOCOL

IMAP Full Forms–INTERNET MESSAGE ACCESS PROTOCOL

 

GPRS Full Forms – GENERAL PACKET RADIO SERVICE.

3G Full Forms – 3RD GENERATION.

GSM Full Forms– GLOBAL SYSTEM FOR MOBILE COMMUNICATION.

CDMA Full Forms– CODE DIVISION MULTIPLE ACCESS.

 

ARPANET Full Forms– ADVANCED RESEARCH PROJECT AGENCY NETWORK.

AM/FM Full Forms– AMPLITUDE/ FREQUENCY MODULATION.

WLAN Full Forms–  WIRELESS LOCAL AREA NETWORK

CPU Full Forms– CENTRAL PROCESSING UNIT

RAM Full Forms– RANDOM ACCESS MEMORY

ROM Full Forms– READ ONLY MEMORY

PROM Full Forms– Programmable Read Only Memory

HDD Full Forms– Hard Disk Drive

FDD Full Forms– Floppy Disk Drive

KBD Full Forms– KeyBoard

I/O Full Forms– Input & Output

CD Full Forms– Compact Disk

DVD Full Forms– Digital Video Disk

SMPS Full Forms– Switch Mode Power Supply

POST Full Forms– Power ON Self Test

BIOS Full Forms– Basic Input Output System

VDU Full Forms– Visible Display Unit

LED Full Forms– Light Embedded Diode

VGA Full Forms– Video/Visual Graphic Adapter

LAN Full Forms– Local Area Network

WAN Full Forms– Wide Area Network

MAN Full Forms– Metropolitan Area Network

HLL Full Forms– High Level Language

LLL Full Forms– Low Level Language

Mbps Full Forms– Mega Bit Per second

Kbps Full Forms– Kilo Bit per second

 

KB Full Forms– KILO BYTE

MB Full Forms– MEGA BYTE

GB Full Forms– GIGA BYTE

TB Full Forms– TERA BYTE

LCD Full Forms– LIQUID CRYSTAL DISPLAY

LED Full Forms– LIGHT-EMITTING DIODE

SD Full Forms– SECURE DIGITAL

USB Full Forms– UNIVERSAL SERIAL BUS

IT Full Forms– INFORMATION TECHNOLOGY

IP Full Forms– INTERNET PROTOCOL

AP Full Forms– ACCESS POINT

DNS Full Forms– DOMAIN NAME SYSTEM

HTML Full Forms– HYPERTEXT MARKUP LANGUAGE

XML Full Forms– EXTENSIBLE MARKUP LANGUAGE


Computer in learn F keys

एफ Keys का क्या होता है इस्तेमाल

 

F1: जब भी आप किसी प्रोग्राम में काम कर रहे होते हैं और उसमें आपको किसी भी तरह की मदद चाहिए तो यह कीज प्रेस कर सकते हैं। इससे आपकी स्क्त्रीन पर हेल्प विंडो ओपन हो जाएगी।

 

F2: अगर आप किसी फाइल या फोल्डर का नाम बदलना चाहते हैं तो उसे सेलेक्ट कर F2 कीज को दबाएं। ऐसा करने से आप फाइल या फोल्डर का नाम बदल पाएंगे।

 

F3: किसी भी एप में सचज् ओपन करने के लिए इस कीज का प्रयोग किया जा सकता है।

 

F4: अगर आप किसी विंडो को बंद करना चाहते हैं तो ALT+F4 कीज दबाएं।

 

F5: किसी भी विंडो या प्रोग्राम को रिफ्रेश करने के लिए यह कीज काम आती है।

 

F6: अगर आप इंटरनेट ब्राउजर की एड्रेस बार पर कसज्र ले जाना चाहते हैं तो इस कीज को दबाएं।

 

F7: अगर आप एमएस वडज् पर काम कर रहे हैं और स्पेल चेक और ग्रामर चेक फीचर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो यह कीज आपके काम आएगी।

 

 

F8: कंप्यूटर को ऑन करते समय अगर आप बूट मेन्यू में जाना चाहते हैं तो यह कीज दबाएं।

 

 

F9: एमएस डॉक्यूमेंट को रिफ्रेश करने और माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक में ईमेल के सेंड ऐंड रिसीव ऑप्शन के लिए ये कीज काम आती है।

 

F10: अगर आप किसी एप में मेन्यू बार ओपन करना चाहते हैं तो यह कीज काम आती है।

 

F11: ब्राउजर को फुल स्क्त्रीन या इससे बाहर आने के लिए इस कीज का इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

F12: अगर आप एमएस वर्ड्स पर काम कर रहे हैं तो सेव एज डायलॉग बॉक्स ओपन करने के लिए यह कीज दबाएं।

ESC का इस्तेमाल करें

किसी भी एक्टिव आइटम से बाहर आने के िए ESC का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे अगर आप फेसबुक पर किसी फोटो देख रहे हैं और इससे बाहर आना चाहते हैं तो ESC बटन दबाएं।

 

 

 

फंक्शन की

F1 : F1 हेल्प के लिए यह की उपयोग में लाई जाती है।

F2 : F2 रीनेम करने के लिए यह की उपयोग में लाई जाती है।

F3 : F3 सर्च कमांड ओपन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है

F4 : Alt+F4 से विंडो क्लोज की जाती है।

F5 : रिफ्रेश करने के लिए F5 का उपयोग किया जाता है।

F12 : कोई भी फाइल को सेव एस करने के लिए F12 का प्रयोग किया जाता है।

 


COMPUTER

COMPUTER

                                              COMPUTER is an digital electronic device which accept data, processes it and gives information as out. It has several component like Monitor, CPU, Mouse,Processor, Memory, etc.
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Father of computer- charles babbage

COMPUTER का पूरा नाम -,

C - COMMON सामान्य

O - OPERATING चलाना

M - MACHINE यन्त्र

P - PROCESSING प्रक्रिया

U - USE FOR प्रयोग के लिए

T - TRAINING प्रशिक्षण

E - EDUCATION शिक्षा

R - RESEARCH खोज

·         कंप्यूटर को हिंदी में संगड़क  कहा जाता है


computer

कंप्यूटर क्या है ?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मशीन है जिस पर हम किसी भी अरिथमैटिक एवं तार्किक क्रियाओ को आसानी से करते है. कंप्यूटर यूजर द्वारा दिए गए इनपुट डाटा या सूचना को ग्रहण कर आउटपुट के रूप में प्रदान करता है, कंप्यूटर की सहायता से हम किसी भी कार्य को कम समय अधिक से अधिक कार्य किया जा सकता है.

कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़कर किसी डाटा या सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से भेजा जा सकता है .

डिजिटल कंप्यूटर - डिजिट का अर्थ होता है अंक अर्थात अंको की गड़ना करने वाला, ऐसे कंप्यूटर जो किसी अंको से सम्बंधित कार्य किया जाता है. इसका प्रयोग व्यापार एवं औद्योगिक कार्य के लिए किया जाता है.

 हाइब्रिड कंप्यूटर - यह ऐसा कंप्यूटर होता है जो एनालॉग कम्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर दोनों से सम्मिलित होता है अर्थात दोनों से मिलकर बना होता है .

 उदाहरण -, पेट्रोल पंप की मशीन

पेट्रोल पंप की मशीन इसलिए है क्युकि जब पेट्रोल लेते है तो वहा पर व्यक्ति पहले पैसे फीड करता है अंको में और फिर पैसो के अनुसार ही तेल लीटर में मापकर आता है .

कंप्यूटर के प्रकार ,

कंप्यूटर को तीन भागो में विभाजित किया गया है .

1- कार्य के आधार पर

2- उद्देश्य के आधार पर

3- आकार के आधार पर

1-   कार्य के आधार पर

·       कार्य के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागो में बाटा गया है

i- एनालॉग कंप्यूटर

ii- डिजिटल कंप्यूटर

iii- हाइब्रिड कंप्यूटर

i-                   एनालॉग कंप्यूटर

एनालॉग कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर होते है जो किसी भौतिक मात्राअो को मापकर उनको अंको में व्यक्त करता है जैसे  ( ताब, दाब, लम्बाई, आदि )

           उदाहरण- थर्मामीटर

 विशेष उद्देश्य कंप्यूटर

विशेष उद्देश्य कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसका प्रयोग किसी ख़ास कार्य को करने के लिए तैयार किया  जाता है, इसकी सी पी यू क्षमता कार्य के अनुरूप बढ़ा दी जाती है एवं (MULTIPLE C P U) वाली कर  दी जाती है इसका प्रयोग चिकित्सा विभाग, फिल्म उद्द्योग, समुन्द्र की गहराई मापने में, इंजीन्यरिंग क्षेत्र में, रेलवे विभाग में, इत्यादि में किया जाता है .

सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर

सामान्य उद्देशीय कंप्यूटर सामान्य प्रकार के कार्य करता, इसकी सी पी यू क्षमता कम होती है इसलिए इसका प्रयोग घरो में, स्कूलों में, छोटे - 2 ऑफिस में किया जाता है . इसमें अलग से किसी भी डिवाइस को जोड़ा नहीं जा सकता है, इसका प्रयोग M S OFFICE में पत्र भेजे जाने एवं बायोडाटा बनाने में, स्टूडेंट्स शीट बनाने में प्रयोग किया जाता है /

उद्देश्य के आधार पर -,

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर दो प्रकार के होते है

1- सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर

2 - विशिष्ठ उद्देश्य कंप्यूटर

आकार के आधार पर -

आकार के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते है .

1 - माइक्रो कंप्यूटर

2 - मिनी कंप्यूटर

3 - मेनफ़्रेम कंप्यूटर

4 - सुपर कंप्यूटर

ü  कंप्यूटर का आविष्कार सर्वप्रथम चार्ल्स बैबेज ने 1834, में किया था .जिसका नाम UNIVAC-I है

ü  इसे 1940 के दशक में बनाया गया था, इसमें सी डी राइटर का प्रयोग होने लगा था.

ü  कंप्यूटर की सबसे छोटी इकाई बिट होती है

माइक्रो कंप्यूटर -

माइक्रो कंप्यूटर एक छोटा, अपेक्षाकृत सस्ता कंप्यूटर है जिसमें माइक्रोप्रोसेसर अपनी केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई (सीपीयू) के रूप में होता है। इसमें एक माइक्रोप्रोसेसर, मेमोरी और न्यूनतम इनपुट / आउटपुट (I / O) एक मुद्रित सर्किट (PCB) पर लगे सर्किटरी शामिल हैं। तेजी से शक्तिशाली माइक्रोप्रोसेसरों के आगमन के साथ 1970 और 1980 के दशक में माइक्रो कंप्यूटर लोकप्रिय हो गए। इन कंप्यूटरों के पूर्ववर्तियों, मेनफ्रेम और मिनिकॉम्पैक्टर्स, तुलनात्मक रूप से बहुत बड़े और अधिक महंगे थे (हालांकि वास्तव में वर्तमान मेनफ्रेम जैसे आईबीएम सिस्टम z मशीनें अपने सीपीयू के रूप में एक या अधिक कस्टम माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग करती हैं) कई माइक्रो कंप्यूटर (जब इनपुट और आउटपुट के लिए कीबोर्ड और स्क्रीन से लैस होते हैं) भी पर्सनल कंप्यूटर (जेनेरिक अर्थ में) होते हैं। 1970 और 1980 के दशक के दौरान संक्षिप्त नाम सूक्ष्म था.

 

मिनी कंप्यूटर -

मिनी कंप्यूटर को हम मध्यम आकार के कंप्यूटर भी कह सकते हैं क्योंकि इनका जो आकार होता है वह माइक्रो कंप्यूटर और मैनफ्रेम कंप्यूटर के बीच का होता है इसका मतलब है कि जो मिनीकंप्यूटर है वह माइक्रो कंप्यूटर से बड़े और मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटे होते हैं.

सुपर कंप्यूटर - (महासंगणक)

 उन संगणकों को कहा जाता है जो वर्तमान समय में गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं। आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है।

कल आप सभी लोगो को माइक्रो कंप्यूटर और मिनी कंप्यूटर के बारे में बताया गया था. आज आपको हम मेनफ़्रेम कम्यूटर और सुपर कंप्यूटर के बारे में बताते है.

सबसे पहला सुपर कंप्यूटर का नाम illiaak -4 था, जो की अमेरिका में इसे 1975, डैनियल स्लोटनिक ने आरंभ किया था,

विश्व का सबसे पहला सुपर कंप्यूटर सेमूर Crey ने Crey-1, कंप्यूटर संन में बनाया था जो की अमेरिका की एक लैब में काम करता था,

भारत में इसे सबसे पहले 1 जुलाई 1991, में परम 8000 को विकसित किया गया थाजो शतरंज की ३२ हजार चालो को एक सेकंड में सोच के बता सकता है.

उस से छोटा निबल होता है

भारत का सर्वप्रथम सुपर कंप्यूटर परम 8000 के प्रोटोटाइप ने सुपर कंप्यूटिंग शो में दुनिया के लगभग सभी देशों के कंप्यूटर्स को पीछे छोड़ दिया और अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर काबिज हो गया। इसी के बाद फाइनल रिजल्ट के रूप में 1 जुलाई साल 1991 में सामने आया PARAM 8000 सुपर कंप्यूटर। यह भारत का अपना खुद का बनाया सुपर कंप्यूटर था जो शतरंज की 32 चालो को 1 सेकंड में सोच कर बता सकता है .

मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदाहरण -

IBM 4381, Sperry, CDC, Biometric Machine, Cash Counting Machine, ICL 39 Series and CDS Cyber series Example of Mainframe Computer यानि मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदारहण हैं,

 मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe computers)- उन कम्प्यूटरों को कहते हैं जिनका उपयोग बड़े-बड़े संस्थान भारी-मात्रा मीं आंकड़ा संस्करण के लिए करते हैं। इनका आकार भी बड़ा होता है और लगभग सभी दृष्टियों से इनकी क्षमता अन्य कम्प्यूटरों (मिनी, सर्वर, वर्कस्टेशन और पीसी) की अपेक्षा बहुत अधिक होती है।

सेमूर CREY ने 1920 में इसे बनाया था

मेमोरी दो प्रकार की होती है.

1 - आंतरिक मेमोरी (Internal memory) -

और जो सुपर कंप्यूटर होता है वह सबसे अधिक तेज चलने वाला कंप्यूटर है इसका प्रयोग बड़ी बड़ी  कंपनियों में किया जाता है

 मेनफ़्रेम कंप्यूटर वह कंप्यूटर है जो माइक्रो कंप्यूटर और मिनी कंप्यूटर दोनों की अपेछा काफी तेज होता है और यह अधिक तेज चलने वाला कंप्यूटर होता है

 मेमोरी किसे कहते है

मेमोरी को हिंदी में याददास्त कहा जाता है, जो यूजर के द्वारा सेव किया गए किसी भी डाटा एवं फाइल, फोल्डर को आवश्यकता पड़ने पर पुनः यूजर को प्रदान करती है, पूरा डाटा हार्डडिस्क में सेव किया जाता है जो सी पी यू में लगी होती है.

मेमोरी के प्रकार -

मेमोरी दो प्रकार की होती है

आंतरिक मेमोरी और वाह्य मेमोरी

जिसे  अंग्रेजी  Internal Memory & External Memory, कहते है

 आप सभी लोग एक सवाल का जवाब दे कि कंप्यूटर को बंद एवं चालू करने की प्रक्रिया को क्या कहते है, सभी लोग जवाब देंगे .

Bit Kya Hai

Bit डाटा की सबसे छोटी इकाई होती है। जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में किया जाता है। यह 2 तरह से ही जानकारी को Save कर सकती है जैसे – On Or Off (0 Or 1) यहाँ पर 2 Value हो सकती है पहली है 0 (Zero) और दूसरी है One (1) यह कंप्यूटर की Basic Unit होती है।

एक Bit का सिर्फ एक ही मान हो सकता है। कंप्यूटर बाइनरी कोड्स की ही भाषा समझते है। इन बाइनरी कोड्स को ही Bit कहते है। कंप्यूटर की सभी बड़ी से बड़ी और छोटी क्रियाएं बिट्स के द्वारा ही संपन्न होती है। Bit को English के Small Letter ‘b’ से दर्शाया जाता है।

 

 

Byte Kya Hai

आठ बिट मिलकर एक Byte बनाते है। Byte का प्रयोग कंप्यूटर में डाटा को नापने के लिए किया जाता है। 8 Bit मिलकर एक क्रिया करते है जिससे एक Byte बनती है। और यह इसी तरह बढ़ता जाता है जैसे – Kilo Bytes, Mega Bytes, Giga Bytes. Byte को English के Capital Letter B से दर्शाया जाता है।

 

1024 Bytes = 1 Kilo Bytes = 1 Kb

1024 Kilobytes = 1 Megabytes = Mb

1024 Megabytes = 1 Gigabytes = GB

 

v 32 Bit Or 64 Bit Me Antar

इन दोनों में अपने कार्य करने की क्षमता के आधार पर अंतर पाया जाता है। तो आईये जानते है इन दोनों के बीच का अंतर:

32 Bit प्रोसेसर एक बार में 32 Bit डाटा प्रोसेस करता है। लेकिन 64 Bit प्रोसेसर एक बार में 64 Bit डाटा प्रोसेस करता है। 64 Bit प्रोसेसर Fast होता है।

32 Bit प्रोसेसर 4 GB तक की Ram को सपोर्ट करता है। एक 64 Bit प्रोसेसर 4 GB से ज्यादा Ram सपोर्ट कर सकता है।

32 Bit प्रोसेसर 64 Bit सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को सपोर्ट नहीं करते जबकि 64 Bit प्रोसेसर 32 Bit सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को भी सपोर्ट करते है।

32 Bit प्रोसेसर 64 Bit की अपेक्षा सस्ते होते है।

 सभी मेमोरी की यूनिट्स

 RAM Memory -

इस मेमोरी (Memory) को कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी भी कहते हैं इसमें कोई भी डाटा स्टोर नहीं रहता है जब तक कंप्यूटर ऑन रहता है तब तक रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है और कंप्यूटर प्रोसेसर आवश्यक डाटा प्राप् करने के लिये इस डेटा का उपयोग करता है और जैसे ही आप कम्यूटर शट डाउन करते हैं वैसे ही सारा डाटा डिलीट हो जाता है इस रैम को (Volatile Memory) भी करते हैं.

रैम (RAM) कितने प्रकार की होती है .

रैम तीन प्रकार की होती है -

डायनेमिक रैम (Dynamic RAM)

सिंक्रोनस रैम (Synchronous RAM)

स्टैटिक रैम (Static RAM)

RAM & ROM मेमोरी में अंतर -

ROM Memory-ROM एक ऐसी चिप है जो परिवर्तनशील नहीं है, यानी के इसके निर्माण के बाद इसमें स्टोर किये गए डाटा को बदला नहीं जा सकता है, महज़ पढ़ा जा सकता है। अर्थात् इस मेमोरी में स्टोर प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते हैं, इन्हें केवल पढ़ा ही जा सकता है। अंग्रेजी में इसे नॉन-वोलेटाइल स्टोरेज या मेमोरी भी कहा जाता है। इसे अपने अंदर किसी भी डाटा जिसे स्टोर किया गया है उसके संचालन के लिए किसी भी अन्य पॉवर की जरूरत नहीं होती है। जब आपका कंप्यूटर कभी कभी बिजली जाने जाने पर बंद हो जाता है तो भी इसके वो डाटा जो इसमें है स्टोर ही रहता है। इसके अतिरिक्त RAM के मामले इससे बिलकुल उल्टा होता है, यह एक अस्थाई मेमोरी होती है। जिसे जानकारी को अपने में स्टोर रखने के लिए पॉवर की जरूरत होती है। जैसे ही बिजली जाती है तो इसमें मौजूद सभी जानकारी अपने आप ही उड़ जाती है।

 *Bit = 0 या 1

*4 Bit = 1 Nibble

*2 Nibble और 8 Bit = 1 Byte

*1024 Byte = 1 KB (Kilo Byte)

*1024 KB = 1 MB (Mega Byte)

*1024 MB = 1 GB (Giga Byte)

*1024 GB = 1 TB (Tera Byte)

*1024 TB = 1 PB (Penta Byte)

*1024 PB = 1 EB (Exa Byte)

*1024 EB = 1 ZB (Zetta Byte)

*1024 ZB = 1 YB (Yotta Byte)

*1024 YB = 1 BB (Bronto Byte)

*1024 BB = 1 GB (Geop Byte)

v  Note:- Bit को अग्रेंजी के छोटे “b” से Represent किया जाता हैं. और Byte को अग्रेंजी के बडे “B” से Represent किया जाता हैं. जैसे; 200 Mbps को आप 200 MBps के बराबर नही मान सकते हैं. क्योंकि 200 Mbps का मतलब 200 Mega Bits Per Second है. और दूसरे 200 MBps का मतलब 200 Mega Byte Per Second होता हैं.

8 bits =1byte

जो आपका सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है उसका मतलब है कि कंप्यूटर को चलने योग्य बनाना, अर्थात जब तक आप कंप्यूटर में किसी भी विंडोज को इनस्टॉल नहीं करेंगे तब तक आप उस पर कोई कार्य नहीं कर सकते है जैसे कुछ विंडोज के नाम है Wimdows xp, vista, 7, 8, 10 यह सभी विंडोज है जिन्हे हम इनस्टॉल एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर - इसका मतलब है की जब आप किसी भी विंडो को इनस्टॉल कर लेते है तब हम अपनी आवश्यकतानुसार उसमे MS OFFICE, TYPING, PHOTOSHOP, itcकरते है

·         nibble = 1

SHIFT BUTTON इसका प्रयोग हम किसी भी चिन्ह को लगाने के लिए करते है जिसके लिए हमें शिफ्ट के साथ उस बटन को दबाना होता है.

 CAPS BUTTON - इसका प्रयोग हम किसी भी शब्द को लिखने से पहले दबाने पर शब्द बड़े शब्दों में लिखता है उसके बाद दबाने पर यह शब्दों को छोटे शब्दों में लिखता है .

 ENTER BUTTON - इसका प्रयोग हम किसी भी लिखे गए शब्द या एक सेंटेंस लिखने के बाद में दूसरे नयी लाइन से लिखने के लिए करते है .

 LOCK BUTTON इसका प्रयोग जैसा कि इसके शब्द से ही पता चलता है की मेनू बार को बंद कर देता है .

माउस में 3 बटन होते है

Right

Left

scroll bar

 माउस के प्रकार:-

मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)

प्रकाशीय माउस (Optical Mouse)

तार रहित माउस (Cordless Mouse

विंडोज बहुत से प्रोग्राम से मिलकर बना होता है इसे सिस्टम सॉफ्टवेर भी कहते हैजहाँ से आप खुली हुई विंडो पर लिखना शुरू करते है वहा पर एक सीधी तीर हिलती रहती है जिसे INSERTION POINT, अगर में Backup के बारे में बताऊँ तो ये एक ऐसा process है जिसका इस्तमाल करके original data के कई copies बनाया जाता है, ताकि उनका इस्तमाल तब किया जा सके जब original data नष्ट हो जाये. ठीक ऐसे समय में ही backup हमारे बहुत काम में आता है. इसके साथ अगर data को कोई दुसरे जगह से access करना है तब भी हमारे लिए Backup बहुत काम आता है. इसलिए आज मैंने सोचा की आप लोगों को Backup क्या है और इसके types क्या हैं के विषय में जानकारी देने जा रहा हूँ. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैंकहते है

Who is the Baap of IPL?

  Who is the Baap of IPL? MS Dhoni  can be termed as the Baap of IPL, given that he has led Chennai Super Kings to four IPL titles so far.